नई दिल्ली करदाताओं को आयकर संबंधी मामलों में किसी भी तरह की गड़बड़ी का डर रहता है, खासकर आयकर अधिकारियों के रवैये को लेकर, क्योंकि अक्सर ऐसे मामले सामने आए हैं जहां आयकर अधिकारी करदाताओं को धमकाते हैं। इस मामले में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन रवि अग्रवाल ने कहा है कि आयकर विभाग के अधिकारियों को करदाताओं के साथ व्यवहार करते समय ‘धमकाने के बजाय सलाह देने’ का दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों को जिम्मेदार, जवाबदेह और पारदर्शी दिखने के लिए नए सिरे से प्रयास करने चाहिए। अग्रवाल ने सुझाव दिया कि चूंकि भारत में आयकर प्रणाली 164 साल पूरे कर रही है, इसलिए कर अधिकारियों को ‘विवेकपूर्ण’ दृष्टिकोण अपनाना चाहिए।
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आयकर अधिकारियों को दी गई सलाह
सीबीडीटी प्रमुख ने हाल ही में 24 जुलाई को मनाए गए 165वें आयकर दिवस के अवसर पर एक ऑनलाइन वीडियो इंटरेक्शन सत्र ‘द चेयरमैन स्पीक्स’ के माध्यम से अपने सहयोगियों से बात की। उन्होंने कहा कि कर विभाग में ‘परिवर्तनकारी’ परिवर्तन हुए हैं, प्रौद्योगिकी को अपनाया गया है, करदाता आधार का विस्तार किया गया है और इसके चरित्र को ‘प्रवर्तन और प्रति-उपाय’ विभाग से एक सेवा विभाग में बदल दिया गया है जो प्रशासन द्वारा कर अनुपालन में हस्तक्षेप करने में मदद नहीं करता है।
अग्रवाल ने कहा कि प्रत्यक्ष कर श्रेणी के तहत राजस्व बढ़ रहा है और वित्तीय वर्ष 2023-24 के दौरान लगभग 65 करोड़ पैन और 8.5 करोड़ से अधिक आईटीआर दाखिल किए गए।
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पहले प्रकाशित: 12 अगस्त, 2024, 09:06 IST