मुगलकालीन पुल को सुधारने की तैयारी, खंडहर हुआ 400 साल पुराना ‘बारापुला ब्रिज’, अब बदलेंगे दिन

नई दिल्ली देश की राजधानी दिल्ली स्थित 400 साल पुराना ऐतिहासिक पुल एक बार फिर अपने मूल स्वरूप में नजर आएगा। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को दक्षिण दिल्ली के निज़ामुद्दीन क्षेत्र में 400 साल पुराने बारापुला पुल के नवीनीकरण का काम सौंपा गया है। इस पुल के सौंदर्यीकरण और मरम्मत का काम 3 महीने में पूरा होने की उम्मीद है. खास बात यह है कि इस पुल पर लाइटिंग भी की जाएगी.

दरअसल, पिछले हफ्ते दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने इस पुल का दौरा किया था. निरीक्षण के दौरान इस पुल के आसपास काफी नाकेबंदी थी. एलजी सरकारी आदेश के बाद एक हफ्ते के अंदर एजेंसियों ने अतिक्रमण हटाकर पुल के आसपास की जगह खाली करा ली. इसके बाद रविवार को एलजी वीके सक्सेना ने दोबारा पुल का दौरा किया.

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एएसआई को काम सौंपा गया

एलजी ने बारापुला पुल का दोबारा निरीक्षण करने के बाद इसके नवीनीकरण का काम पुरातत्व विभाग को सौंप दिया। भारतीय पुरातत्व विभाग अब इस पुल को 400 साल पुराने मूल स्वरूप में लौटाने की तैयारी कर रहा है।

यह पुल मुगल काल में बनाया गया था

बारापुला ब्रिज का निर्माण लगभग 400 साल पहले मुगल सम्राट जहांगीर की देखरेख में मीनार बानो आगा ने कराया था। इसके 12 स्तंभों और 11 मेहराबों के कारण इसका नाम बारापुला रखा गया। इतिहासकारों के मुताबिक इस पुल का निर्माण 1628 में हुआ था। इसे मुगल वास्तुकला का अनोखा उदाहरण माना जाता है।

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