देश का पहला ‘फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट’ मात्र 3.26 रुपये प्रति यूनिट की दर से पूरे यूपी को रोशन करने के लिए पर्याप्त बिजली पैदा करेगा।

मुख्य आकर्षण

ओंकारेश्वर में 90 मेगावाट विद्युत उत्पादन करने वाली सौर परियोजना का निर्माण किया गया है। इस प्रोजेक्ट को स्थापित करने की लागत करीब 646 करोड़ रुपये है. यह प्रोजेक्ट पहले साल में ही 19 करोड़ यूनिट बिजली पैदा कर सकता है.

नई दिल्ली 90 मेगावाट बिजली पैदा करने वाली मध्य और उत्तर भारत की सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर परियोजना मध्य प्रदेश के ओंकारेश्वर में शुरू की गई है। प्रदेश के नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला ने कहा कि 646 करोड़ रुपये की लागत वाला ओंकारेश्वर ‘फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट’ 8 अगस्त को लॉन्च किया गया था. यह परियोजना गोदावरी नदी पर तैयार की गई है।

उन्होंने कहा कि यह परियोजना केंद्रीय नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय के तहत विकसित की गई है और यह भारत का सबसे बड़ा सौर पार्क और मध्य और उत्तर भारत में सबसे बड़ी फ्लोटिंग सौर ऊर्जा परियोजना है। मंत्री ने कहा कि यह परियोजना एसजेवीएन की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) द्वारा कार्यान्वित की जा रही है। परियोजना के चालू होने से एसजेवीएन की कुल स्थापित क्षमता बढ़कर 2466.50 मेगावाट हो गई है।

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कितनी बिजली पैदा की जा सकती है?
उन्होंने कहा कि इस परियोजना से पहले साल में 19.65 करोड़ यूनिट और अगले 25 साल में 462.93 करोड़ यूनिट बिजली पैदा होने की उम्मीद है. यह यूपी की कुल मांग से कहीं ज्यादा है. आपको बता दें कि जून में भीषण गर्मी के दौरान यूपी में एक दिन में 64 करोड़ यूनिट बिजली की खपत हुई थी.

प्रदूषण कम करने में मददगार
मंत्री ने कहा कि एक बार चालू होने के बाद, परियोजना कार्बन उत्सर्जन में 2.3 लाख टन की कमी लाएगी और 2070 तक शून्य कार्बन उत्सर्जन प्राप्त करने के केंद्र सरकार के मिशन में महत्वपूर्ण योगदान देगी। शुक्ला के अनुसार, यह परियोजना जल के वाष्पीकरण को कम करके जल संरक्षण में भी मदद करेगी।

बिजली दर क्या होगी?
मंत्री ने कहा कि परियोजना को प्रतिस्पर्धी टैरिफ बोली के माध्यम से 3.26 रुपये प्रति यूनिट की दर पर 25 वर्षों के लिए ‘निर्माण, अधिग्रहण और संचालन’ (बीओओ) आधार पर विकसित किया गया है। इसका मतलब यह है कि बोली लगाकर बिजली खरीदने वाली कंपनी को 3.26 रुपये की कीमत पर बिजली उपलब्ध करायी जायेगी.

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