भागलपुर:
कोसी और गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण कोसी सीमांचल और पूर्वी बिहार में बाढ़ ने तबाही का रूप ले लिया है. कई जगहों पर बांध टूट गए हैं और कई जगहों पर स्कूलों और सरकारी दफ्तरों में पानी घुस रहा है. न सिर्फ गांव की सड़क बल्कि एनएच-80 भी बाढ़ की चपेट में है. भागलपुर से कहलगांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क एनएच 80 सबौर के सामने बाढ़ का पानी है. जिससे राहगीरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। स्थिति यह है कि करोड़ों की लागत से एन.एच. लेकिन बाढ़ के कारण दर्जनों जगहों पर पानी बह रहा है. एनएच में दरारें आ गयी हैं. किसी भी वक्त एनएच बाढ़ की चपेट में आ सकता है और पूरा एनएच ध्वस्त हो जायेगा, जिससे 10 लाख से अधिक आबादी को आवागमन में परेशानी होगी.
सबौर से कहलगांव को जोड़ने वाली मुख्य सड़क एनएच-80 है. जहां साफ तौर पर देखा गया कि एनएच 80 में दरार आ गयी है. एनएच पर कई जगहों पर बाढ़ का पानी है. राहगीरों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। एहतियात के तौर पर जिला प्रशासन ने भारी वाहनों के प्रवेश पर रोक लगा दी है, लेकिन फिर भी भारी वाहन जान जोखिम में डालकर प्रवेश कर रहे हैं. जिससे दुर्घटनाएं भी हो रही हैं। सबौर के आगे पुल के पास एनएच 80 पर अचानक धंसने से हाइवा पलट गया. हालांकि इस हादसे में ड्राइवर ने कूदकर अपनी जान तो बचा ली, लेकिन हाईवे पर 10 फीट खाई में गिर गया। बताया जा रहा है कि यह पुल निर्माण निगम विभाग का हाईवे है। बाढ़ से बचाव और एनएच पर मिट्टी हटाने जा रहा युवक हादसे का शिकार हो गया।
एनएच से संपर्क टूटा तो 10 लाख आबादी होगी प्रभावित –
ग्राउंड जीरो स्थिति से संकेत मिलता है कि आने वाले दिनों में भागलपुर कहलगांव मुख्य सड़क को जोड़ने वाले एनएच 80 का संपर्क टूट जाएगा, जिससे 10 लाख से अधिक आबादी प्रभावित होगी। अमूमन झारखंड समेत भागलपुर के दो प्रखंडों के लोगों को ट्रेन से ही भागलपुर जाना होगा. दस लाख की आबादी का एकमात्र सहारा एनएच 80 है जो सबौर को कहलगांव से जोड़ता है, लेकिन वह भी अब बाढ़ग्रस्त हो गया है और पानी एनएच पर बह रहा है. जिससे स्कूली छात्र-छात्राओं से लेकर आम लोगों को जाम का सामना करना पड़ रहा है.
यह भी पढ़ें:
बिहार के बाहुबली नेता अनंत सिंह को एके-47 मामले में हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है