बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ कार्रवाई: भारतीय सीमा में घुसपैठ कर अवैध तरीके से भारतीय दस्तावेज हासिल करने वाले बांग्लादेशियों के लिए भी स्थिति बेहतर नहीं है। इन बांग्लादेशी घुसपैठियों में कई ऐसे भी हैं जो इन्हीं भारतीय दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट बनवाकर विदेश चले गए हैं. भारत सरकार ने ऐसे बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू किया है, जिसकी शुरुआत पश्चिम बंगाल से की गई है.
एक वरिष्ठ हवाईअड्डे सुरक्षा अधिकारी के मुताबिक, पिछले कुछ महीनों में विभिन्न हवाई अड्डों से ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनकी जांच की गई है कि बांग्लादेशी नागरिकों ने अवैध रूप से आधार प्राप्त करने के लिए भारत में घुसपैठ की थी। जन्म प्रमाण पत्र, मतदाता प्रमाण पत्र आदि सहित अन्य भारतीय दस्तावेज प्राप्त किए। बाद में इन दस्तावेजों की मदद से उन्हें पासपोर्ट भी मिल गया. इसके बाद इन भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल विदेश जाने के लिए किया जाता था.
इन मामलों के सामने आने के बाद पासपोर्ट विभाग की ओर से एक नया अभियान शुरू किया गया है, जिसके तहत पिछले कुछ सालों के दौरान जारी किए गए पासपोर्ट का दोबारा सत्यापन किया जा रहा है. इस अभियान के तहत यह पता लगाया जा रहा है कि जिस पते पर पासपोर्ट जारी किया गया है, पासपोर्ट धारक उस पते पर रहता है या नहीं। इस बीच कई पासपोर्ट धारकों के बारे में पता चला जिनके पते फर्जी पाए गए। अब इन पासपोर्ट को रद्द या सस्पेंड करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

अभियान के नतीजे सामने आने लगे हैं
एयरपोर्ट की सुरक्षा से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस अभियान के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं. हाल ही में इस मुहिम की सफलता का एक उदाहरण दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से देखने को मिला है. दरअसल, पासपोर्ट विभाग की जांच में पता चला कि पासपोर्ट धारक अबू हसन शेख बताए गए पते पर नहीं रहता है. जिसके बाद अबू हसन शेख का पासपोर्ट रद्द कर दिया गया. वहीं, इसी पासपोर्ट पर माल्टा गए अबू हसन ने जब वीजा विस्तार के लिए आवेदन किया तो पासपोर्ट रद्द होने के आधार पर उनका आवेदन खारिज कर दिया गया. जिसके चलते अबू हसन को भारत लौटना पड़ा.

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जांच में चौंकाने वाले खुलासे
इसी बीच आईजीआई एयरपोर्ट पर पहुंचते ही ब्यूरो ऑफ इमीग्रेशन के अधिकारियों ने अबू हसन को हिरासत में ले लिया. पूछताछ में पता चला कि उसका असली नाम मुहम्मद साकिब हसन है और वह मूल रूप से ढाका, बांग्लादेश का रहने वाला है। पूछताछ के दौरान उसने बताया कि 2021 में वह नदी के रास्ते अवैध रूप से भारत में दाखिल हुआ था. इसके बाद उसने अनवर हसन नाम के एजेंट की मदद से आधार कार्ड, पैन कार्ड, जन्म प्रमाण पत्र हासिल कर लिया. बाद में इन दस्तावेजों की मदद से उसने भारतीय पासपोर्ट हासिल किया और दुबई के रास्ते माल्टा चला गया। आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने इस मामले में अनवर हसन के साथ मोहम्मद साकिब हसन को भी गिरफ्तार किया है.
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पहले प्रकाशित: 13 अगस्त 2024, 12:38 IST