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देश के अगले गृह सचिव बनने जा रहे गोविंद मोहन का बीएचयू, आईआईएम अहमदाबाद और लखनऊ से खास रिश्ता है।

देश के अगले गृह सचिव बनने जा रहे गोविंद मोहन का बीएचयू, आईआईएम अहमदाबाद और लखनऊ से खास रिश्ता है।

गोविंद मोहन वित्त से लेकर गृह मंत्रालय तक काम कर चुके हैं.

गोविंद मोहन अगले गृह सचिव: भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के वरिष्ठ अधिकारी गोविंद मोहन को बुधवार को अजय कुमार भल्ला के स्थान पर केंद्रीय गृह सचिव नियुक्त किया गया। एक आधिकारिक आदेश में यह जानकारी दी गयी है. गोविंद वर्तमान में संस्कृति मंत्रालय के सचिव हैं। वह गृह मंत्रालय में विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में कार्यभार संभालेंगे। आदेश में कहा गया, “कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने संस्कृति मंत्रालय में सचिव गोविंद मोहन की गृह मंत्रालय में विशेष कर्तव्य अधिकारी के रूप में तत्काल प्रभाव से नियुक्ति को मंजूरी दे दी है।” आदेश में कहा गया, “गोविंद मोहन अपना कार्यकाल पूरा होने पर 22.08.2024 को अजय कुमार भल्ला, आईएएस (असम-मेघालय: 1984) के स्थान पर गृह मंत्रालय के सचिव का पदभार संभालेंगे।”

1989 बैच के आईएएस

गोविंद मोहन सिक्किम कैडर के 1989 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। गोविंद मोहन ने आईआईएम अहमदाबाद से प्रबंधन में स्नातकोत्तर डिप्लोमा प्राप्त किया है। उन्होंने यह कोर्स जुलाई 1986 से मार्च 1988 तक अहमदाबाद में किया। उन्होंने 1982-86 के बीच प्रौद्योगिकी संस्थान, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से प्रौद्योगिकी में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 12वीं की पढ़ाई सेंट फ्रांसिस कॉलेज लखनऊ से की है। संस्कृति मंत्रालय से पहले वह गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे। इससे पहले वह वित्त मंत्रालय में संयुक्त सचिव थे। उन्होंने सिक्किम में प्रधान रेजिडेंट कमिश्नर के रूप में भी काम किया है।

‘हर घर तिरंगा’ अभियान से जुड़े

गृह सचिव के रूप में अपनी नियुक्ति से पहले, संस्कृति मंत्रालय के सचिव गोविंद मोहन ने आज ‘हर घर तिरंगा’ अभियान की सफलता की कहानी सुनाई। गोविंद मोहन ने कहा कि ‘हर घर तिरंगा’ अभियान प्रधानमंत्री मोदी की कल्पना है. 2022 में जब हमने पहली बार यह कार्यक्रम किया था तो पीएम मोदी ने कहा था कि इस बार झंडों की दिक्कत होगी, क्योंकि हम देश में इतनी बड़ी संख्या में झंडे नहीं बनाते हैं. वर्ष 2024 में अब तक हमें केवल 20 लाख झंडों की ही मांग प्राप्त हुई है। इस कार्यक्रम के दौरान देशभर में 25 करोड़ झंडों की मांग है क्योंकि 25 करोड़ घर हैं और हर घर अपने आंगन में एक झंडा लगाता है. अब यह देश में एक उद्योग बन गया है।



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