जुलाई में थोक महंगाई दर 2 फीसदी के आसपास रही है. जुलाई में खुदरा महंगाई दर भी 5 साल में सबसे कम रही. आरबीआई खुदरा महंगाई दर से नीतिगत दरें तय करता है।
नई दिल्ली खुदरा महंगाई दर के बाद जुलाई में थोक महंगाई दर भी घटकर आधी रह गई है. जुलाई महीने में थोक महंगाई दर 2.04 फीसदी रही. बुधवार को सरकार की ओर से जारी आंकड़ों में इसका खुलासा हुआ है. इससे पहले जून में थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई दर 3.36 फीसदी थी.
उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपने आधिकारिक अकाउंट पर पोस्ट किया।
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प्राथमिक उत्पादों की महंगाई दर घटी है
थोक मूल्य सूचकांक के प्राथमिक उत्पादों की वार्षिक मुद्रास्फीति दर जुलाई 2024 में 3.08 प्रतिशत थी, जबकि जून 2024 में यह 8.80 प्रतिशत थी। ईंधन और बिजली की वार्षिक मुद्रास्फीति दर जून 2024 में 1.03 प्रतिशत से बढ़कर 1.72 प्रतिशत हो गई। डीपीआईआईटी के अनुसार, थोक मूल्य सूचकांक के विनिर्मित वस्तुओं की वार्षिक मुद्रास्फीति दर जून 2024 में 1.43 प्रतिशत से बढ़कर जुलाई 2024 में 1.58 प्रतिशत हो गई।
खुदरा महंगाई दर 5 साल में सबसे कम
जुलाई में थोक मूल्य सूचकांक में गिरावट इस महीने के खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों के अनुरूप थी। इस सप्ताह की शुरुआत में जारी आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर पांच साल के निचले स्तर 3.54 प्रतिशत पर आ गयी. भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) मौद्रिक नीति तैयार करते समय मुख्य रूप से खुदरा मुद्रास्फीति को ध्यान में रखता है। अगस्त की मौद्रिक नीति समीक्षा में आरबीआई ने लगातार नौवीं बार नीतिगत दर को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखा.
महंगाई आरबीआई के दायरे में आती है
रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में बदलाव के लिए महंगाई दर को 4 फीसदी से नीचे लाने का लक्ष्य रखा था. पिछले 5 साल में जुलाई पहला महीना रहा है जब खुदरा महंगाई दर तय लक्ष्य 4 फीसदी से नीचे आ गई है. ऐसे में अटकलें शुरू हो गई हैं कि क्या रिजर्व बैंक अगली बैठक में रेपो रेट घटाने का फैसला कर सकता है.
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पहले प्रकाशित: 14 अगस्त, 2024, 1:21 अपराह्न IST