नई दिल्ली:
आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद देश में दलित, पिछड़े वर्ग और आदिवासियों की स्थिति पर चर्चा हो रही है. इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि सरकार ने 60 फीसदी से ज्यादा नौकरियां ओबीसी, एससी और एसटी को दी हैं. उनका कहना है कि ये काम डबल इंजन की सरकार ने किया है. उन्होंने यह बात उत्तर प्रदेश के अंतर्गत सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित 1036 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र देते हुए कही.
इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने पिछली सरकारों और उनकी सरकार में नियुक्तियों के पैटर्न में बदलाव का जिक्र किया और कहा कि 2012 से 2017 तक उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से 13 हजार 469 पदों पर 26 हजार 394 लोगों की नियुक्ति की गई है सामान्य वर्ग के लोगों को दिया गया। ओबीसी को छह हजार 966, एससी को पांच हजार 634 और एसटी को 327 पद आवंटित किए गए हैं।
ओबीसी को कितनी नौकरियां मिलीं?
उनकी सरकार में उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से 46 हजार 675 नियुक्तियां की गईं, जिनमें से 17 हजार 929 नौकरियां ओबीसी अभ्यर्थियों को दी गईं। इन नौकरियों में ओबीसी को 38.41 फीसदी प्रतिनिधित्व मिला है. उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के 2012 से 2017 के कार्यकाल के दौरान अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से 19 हजार 312 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था. डबल इंजन सरकार में 2017 से 2024 के बीच 42 हजार 409 युवाओं का चयन हुआ. उन्होंने कहा कि उनकी सरकार में नियुक्ति प्रक्रिया सरल और पारदर्शी रही है.
इस दौरान उन्होंने कहा कि जो भी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेगा, उसे ऐसी सजा दी जाएगी जो देश और दुनिया के लिए मिसाल बनेगी. उन्होंने कहा कि जो लोग बेकार बैठे हैं, वे अफवाह फैलाकर युवाओं को गुमराह कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि पहले उत्तर प्रदेश के युवाओं के सामने पहचान का संकट था, प्रदेश की अर्थव्यवस्था देश में छठे या सातवें स्थान पर थी. लेकिन अब जब प्रदेश के युवा दूसरे राज्यों में जाते हैं तो खुद को यूपी बताते हैं. प्रदेश की अर्थव्यवस्था अब राष्ट्रीय स्तर पर दूसरे स्थान पर पहुंच गयी है। यह किसी भी अन्य राज्य की तुलना में सबसे अच्छी आर्थिक प्रगति दर्शाता है।
विपक्ष को दिया जवाब
इस मौके पर योगी आदित्यनाथ ने जो आंकड़े दिये वो दरअसल विपक्ष को उनका जवाब था. विपक्ष लगातार योगी सरकार पर आरक्षण से छेड़छाड़ का आरोप लगा रहा है. योगी सरकार पर ये आरोप सिर्फ विपक्ष ने ही नहीं बल्कि बीजेपी की सहयोगी पार्टी अपना दल ने भी लगाए हैं. उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में एनडीए की हार का एक कारण एससी-एसटी और ओबीसी को आरक्षण का पूरा अधिकार न देना भी था. योगी आदित्यनाथ की सरकार हमेशा इन आरोपों से इनकार करती रही है. अब उन्होंने आंकड़ों के जरिए इसे साबित करने की कोशिश की है.
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