नई दिल्ली:
5 अगस्त 1990 को देश का स्वतंत्रता दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जा रहा था. वहीं इसी दिन भारत ने आकाश मिसाइल का सफल परीक्षण कर दुनिया को बता दिया था कि भविष्य उनका है. भारतीय सेना में इस मिसाइल आकाश के शामिल होने से सेना की ताकत काफी बढ़ गई है। इसके साथ ही इस मिसाइल को साल दर साल अपग्रेड किया गया, जिससे यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली मिसाइल बन गई है। आज भारत आत्मनिर्भरता अभियान के तहत कई मिसाइलों का निर्माण कर दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है। आकाश मिसाइल को रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा विकसित किया गया है।
सेना की ओर से एक वीडियो शेयर किया गया है. सेना ने इस वीडियो को शेयर करते हुए बताया कि यह मिसाइल एक साथ चार लक्ष्यों को तबाह कर सकती है. इस मिसाइल की खास बात यह है कि यह हवा में 25 किलोमीटर तक लक्ष्य को भेद सकती है। इससे सेना की ताकत बढ़ गई है.
खास बात यह है कि एक साथ चार लक्ष्यों को ध्वस्त करने वाली यह मिसाइल केवल भारत के पास है। भारत में फिलहाल इसके तीन वेरिएंट उपलब्ध हैं। पहला आकाश एमके- जिसकी रेंज 30 किमी है, दूसरा आकाश एमके-2 जिसकी रेंज 40 किमी है और तीसरा आकाश-एनजी जिसकी रेंज 80 किमी है।
आकाश एनर्जी 25 किमी की ऊंचाई पर हवा में छिपे दुश्मनों को नष्ट कर सकती है। इस मिसाइल की मौजूदगी से दुश्मन को छिपने का मौका भी नहीं मिलेगा।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)