नई दिल्लीपाकिस्तान में सरकार द्वारा लागू की गई विवादास्पद फ़ायरवॉल प्रणाली के कारण, पाकिस्तान में धीमी और अनियमित इंटरनेट सेवाओं के कारण देश से विदेशी व्यापारियों का बड़े पैमाने पर पलायन हो सकता है। पाकिस्तान बिजनेस काउंसिल (पीबीसी) और पाकिस्तान सॉफ्टवेयर हाउसेज एसोसिएशन (पीएसएचए) ने यह चेतावनी दी है।
यह चेतावनी ऐसे समय में आई है जब कुछ महीने पहले उबर, फाइजर, शेल, एली एली (यूएसए), सनोफी (फ्रांस), टेलीनॉर (नॉर्वे), लोट्टो केमिकल (दक्षिण कोरिया) जैसी कुछ प्रमुख कंपनियों ने बिकवाली की थी। पूरी शेयरधारिता स्थानीय कंपनियों को बेच दी गई। इस कदम ने विदेशी निवेश में भारी गिरावट का संकेत दिया और पाकिस्तान के निवेश माहौल, आर्थिक नीतियों और नियामक बाधाओं पर सवाल उठाए।
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पीबीसी ने एक बयान में कहा, “कई बहुराष्ट्रीय कंपनियां (एमएनसी) या तो अपने कार्यालयों को पाकिस्तान से स्थानांतरित करने की योजना बना रही हैं या पहले ही ऐसा कर चुकी हैं क्योंकि कथित तौर पर लगाए जा रहे फ़ायरवॉल के कारण देश भर में बड़े पैमाने पर इंटरनेट बाधित हो रहा है।” शीर्ष वित्तीय विश्लेषक सरवत अली ने कहा कि डिजिटल अर्थव्यवस्था किसी भी देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक है।
उन्होंने कहा, ”पाकिस्तान पहले से ही बढ़ती बेरोजगारी और सुस्त विकास के कारण आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। ऐसे में निवेशकों और व्यवसायों के लिए डिजिटल या आउटसोर्स व्यवसायों के भविष्य को लेकर असुरक्षित महसूस करना सही नहीं होगा। एक हालिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि पिछले दो सालों में 9 बड़ी कंपनियों ने पाकिस्तान में अपनी संपत्ति बेची है, जो देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा झटका है।
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पहले प्रकाशित: 17 अगस्त, 2024, 9:27 अपराह्न IST