सैलरी पाने वालों को आकर्षित करने की कोशिश कर रही हैं कमला हैरिस, क्या आप जानते हैं भारत और अमेरिका में मिडिल क्लास की कमाई में है अंतर?

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कमला हैरिस ने मध्यम वर्ग का मुद्दा उठाया है. उन्होंने कहा, मकसद घर का सपना पूरा करना है. किराने का सामान और दवाओं की कीमतें कम हो जाएंगी।

नई दिल्ली अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार कमला हैरिस ने अपने चुनावी मुद्दे के केंद्र में मध्यम वर्ग को रखा है। उन्होंने अमेरिका के मध्यम वर्ग, खासकर वेतनभोगी लोगों को राहत देने के लिए कई कदमों की घोषणा की है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी और रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रंप पर भी निशाना साधा और कहा कि उनका एजेंडा अभी भी पुराने ढर्रे पर ही चल रहा है. आपको बता दें कि अमेरिका की लगभग 50 प्रतिशत आबादी मध्यम वर्ग में आती है। साफ है कि कमला हैरिस ने मध्यम वर्ग को अपने साथ जोड़कर मतदाताओं के एक बड़े वर्ग को लुभाने की कोशिश की है।

कमला हैरिस ने अपनी आर्थिक नीति पेश करते हुए कहा कि लाखों लोग पहली बार अपना घर खरीदने का सपना देख रहे हैं. ऐसे लोगों की मदद की जाएगी और टैक्स कटौती पर भी जोर दिया जाएगा. इसके साथ ही हमारी सरकार किराने का सामान और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतें कम करने पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। हेल्थकेयर और चाइल्ड टैक्स क्रेडिट जैसी सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा, ताकि मध्यम वर्ग को इसका पूरा लाभ मिल सके।

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चिंता क्या है?
अमेरिका में जारी नवीनतम मुद्रास्फीति आंकड़ों से लगभग साढ़े तीन साल बाद राहत मिली, जब उपभोक्ता मुद्रास्फीति 3 प्रतिशत से नीचे आ गई। हालांकि किराना समेत अन्य खाद्य पदार्थों की महंगाई दर आज भी बढ़ी हुई है और इनके दाम कोरोना महामारी से पहले की स्थिति से भी ऊंचे हैं. यह कमला हैरिस की सबसे बड़ी चिंता है, क्योंकि इसका सीधा और सबसे बड़ा असर मध्यम वर्ग पर पड़ता है।

भारतीय शैली में किफायती घर
कमला हैरिस ने अपनी आर्थिक दृष्टि में मध्यम वर्ग के लिए घर बनाने के सपने को साकार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि इस देश में अपना घर बनाना बहुत मुश्किल काम है. हम आवास और दवा की कीमतों पर नियंत्रण रखेंगे और उन्हें आम आदमी के लिए किफायती बनाएंगे। अधिकारियों को किराने की कीमतों पर नजर रखने का निर्देश दिया गया है और उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाने का भी आदेश दिया गया है।

अमेरिका और भारत का मध्यम वर्ग कहां खड़ा है?
अगर अमेरिका के मध्यम वर्ग की आय की तुलना भारतीयों की आय से की जाए तो अंतर काफी चौंकाने वाला है। प्यू रिसर्च सेंटर के मुताबिक, कोरोना काल से पहले 50 फीसदी अमेरिकी मध्यम वर्ग में थे। उस समय एक मध्यम वर्गीय परिवार की वार्षिक आय 28 लाख रुपये से 86 लाख रुपये तक थी। हालांकि, इस आय का 33 प्रतिशत हिस्सा घर की ईएमआई या किराया चुकाने में चला जाता है। इसके अलावा, होम क्रेडिट इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2024 में मेट्रो शहर में रहने वाला एक मध्यम वर्ग का भारतीय प्रति माह 35 हजार रुपये या सालाना 4.20 लाख रुपये कमाएगा।

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