नई दिल्ली:
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी ताकत बढ़ानी शुरू कर दी है. गुरुवार को कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिलकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया. राहुल गांधी से मुलाकात के बाद नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि हम साथ मिलकर लड़ेंगे. सीटों का आवंटन बाद में तय किया जाएगा. क्या पीडीपी के साथ गठबंधन की संभावना है? इस सवाल के जवाब में फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘किसी के लिए कोई दरवाजा बंद नहीं है.’
महबूबा मुफ्ती की पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के साथ गठबंधन के बारे में फारूक अब्दुल्ला कहते हैं, “पहले हम चुनाव देखेंगे, इन चीजों पर विचार करेंगे. बाकी सब बाद में होगा. हमने किसी के लिए कोई दरवाजा बंद नहीं किया है.”
# देखना | पीडीपी के साथ चुनाव पूर्व या चुनावी गठबंधन के बारे में एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला कहते हैं, “हमें नहीं पता। पहले चुनाव में जाएं, फिर ये चीजें देखेंगे। किसी के लिए कोई दरवाजा बंद नहीं है।”
कांग्रेस के साथ गठबंधन के संयुक्त न्यूनतम कार्यक्रम पर एनसी प्रमुख फारूक अब्दुल्ला… pic.twitter.com/cpqbJX4A28
– एएनआई (@ANI) 22 अगस्त 2024
हमारा साझा कार्यक्रम चुनाव लड़ना है- फारूक अब्दुल्ला
कांग्रेस के साथ गठबंधन के बाद संयुक्त न्यूनतम कार्यक्रम के बारे में एनसी प्रमुख ने कहा, “…हमारा संयुक्त कार्यक्रम चुनाव लड़ना है। हमें देश में विभाजनकारी ताकतों को हराना है। बाकी हम बाद में देखेंगे।”
जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और NC मिलकर लड़ेंगे चुनाव, फारूक अब्दुल्ला बोले- सीट बंटवारे का फॉर्मूला बाद में तय होगा
# देखना | श्रीनगर, जम्मू-कश्मीर: यह पूछे जाने पर कि क्या वह जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे, नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने स्पष्ट रूप से कहा, “…आप मुझसे यह सवाल न पूछें तो बेहतर होगा, मैं इसका जवाब नहीं दूंगा…” pic.twitter.com/Nn6bT8OLEc
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जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा वापस दिलाना सबसे अहम- राहुल गांधी
इससे पहले, कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने श्रीनगर में पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि जम्मू-कश्मीर का प्रतिनिधित्व करना और उसे वापस राज्य का दर्जा दिलाना सबसे महत्वपूर्ण है। मेरे यहां खून के रिश्ते हैं. ऐसे में हमें उम्मीद है कि चुनाव में जनता हमारा साथ जरूर देगी.
जम्मू-कश्मीर में कब होंगे चुनाव?
चुनाव आयोग ने 16 अगस्त को जम्मू-कश्मीर और हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होंगे. अनुच्छेद 370 हटने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव होगा. यहां की 90 विधानसभा सीटों पर तीन चरणों में 18 सितंबर, 25 सितंबर और 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी. वहीं हरियाणा की 90 सीटों पर 1 अक्टूबर को वोटिंग होगी. दोनों राज्यों के नतीजे 4 अक्टूबर को आएंगे.
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जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 कब हटाया गया?
केंद्र सरकार ने 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 हटा दिया था. तब से एलजी प्रशासक हैं मनोज सिन्हा. सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर में 30 सितंबर 2024 तक चुनाव कराने का आदेश दिया था. चुनाव के बाद नई सरकार का कार्यकाल 6 साल की बजाय 5 साल का होगा.
2014 विधानसभा चुनाव में किसे मिली थीं कितनी सीटें?
जम्मू-कश्मीर में पिछली बार 2014 में विधानसभा चुनाव हुए थे. तब 87 सीटें थीं. बहुमत का आंकड़ा 44 था. चुनाव में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी ने 28 सीटें जीतीं. इसका वोट शेयर 22.67% था। बीजेपी ने 25 सीटों पर जीत हासिल की है. वोट शेयर 22.98% था। नेशनल कॉन्फ्रेंस को 15 सीटें मिलीं. कांग्रेस को 12 सीटों पर जीत मिली थी. पीपल्स कॉन्फ्रेंस को 2 सीटें मिलीं. सीपीआई (एम) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 1-1 सीट जीती। जबकि 3 सीटें निर्दलीय उम्मीदवारों के खाते में गईं.
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