नई दिल्ली:
उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से भारी तबाही हुई है. भारी बारिश के कारण 40 किमी सड़क पूरी तरह से बह गई है. ग्रामीणों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की समस्या भी बढ़ गयी है. जानकारी के मुताबिक, ब्रह्मताल के निचले हिस्से में बादल फटने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
जानिए पूरा मामला
उत्तराखंड के चमोली में बादल फटने से वान और कुलिंग गांव में रहने वाले 3 हजार लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. बादल फटने से 40 किमी सड़क पूरी तरह बह गई है. धराली-वन नंदा देवी राजजीत सड़क पूरी तरह टूट गई है। लोगों को आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.
बादल फटने से बढ़ी परेशानी
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40 किमी सड़क प्रवाह
- 3 हजार लोगों की परेशानी बढ़ी
- 5 गांवों की पेयजल लाइन ध्वस्त
- गांव में जल संकट
22 अगस्त की देर रात हुई भारी बारिश ने दिवाल घाटी के दूरदराज के गांवों में कहर बरपाया है. देर रात ब्रह्मताल के निचले इलाकों में बादल फटने से थिरली-वन नंदा देवी राजजात मार्ग लोहजंग से आगे छाजली नामक स्थान पर नष्ट हो गया है। सड़क का 40 मीटर हिस्सा बह गया है, जिसके कारण वान और कुलिंग गांवों की 3,000 की आबादी का देश-दुनिया से संपर्क टूट गया है. दोनों गांव दुनिया से अलग-थलग हैं. इतना ही नहीं बादल फटने से 5 गांवों की पेयजल लाइनें भी बह गई हैं, जिससे ग्रामीणों के सामने पानी का संकट गहरा गया है.
हमारी त्वरित विधि बनें

स्थानीय लोगों का कहना है कि टूटी सड़क के कारण लोगों को काफी नुकसान हुआ है. हम बाकी दुनिया से कट गये हैं. ऐसे में हम सरकार से अनुरोध करते हैं कि हमारे लिए तुरंत कोई रास्ता निकाला जाए.’ एक अन्य ग्रामीण ने बताया कि बादल फटने से पीने के पानी की समस्या बढ़ गयी है.