विक्रम कुमार झा/पूर्णिया बिहार में विशेष भूमि सर्वेक्षण का काम शुरू हो गया है. ऐसी स्थिति में बिहार सरकार के कर्मचारी घर-घर जाकर किरायेदारों या जमीन मालिकों से मिलेंगे, जमीन का निरीक्षण करेंगे और भूमि सर्वेक्षण पूरा करेंगे। दूसरी ओर, बिहार के गोवासी जिले में विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर सामान्य जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया और भूमि सर्वेक्षण से संबंधित हर जानकारी भूमि मालिकों के साथ साझा की गई.
बता दें कि बिहार में जमीन से जुड़े मामले दिन-ब-दिन बढ़ते जा रहे हैं और कई जमीन मालिकों को अपनी जमीन होने के बावजूद कागजात या अन्य तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिसके कारण जमीन मालिक उस जमीन को ले लेते हैं . इन सभी समस्याओं से निजात पाने के लिए बिहार सरकार ने बिहार में विशेष भूमि सर्वेक्षण कराने का अहम फैसला लिया है. साथ ही इस जमीन का विशेष सर्वेक्षण कराने से बिहार सरकार को अपनी सरकारी जमीन मिल जायेगी और जमीन मालिक को अपनी जमीन आसानी से मिल जायेगी. इसके साथ ही जमीन मालिक को कागजात रखने की भी जरूरत नहीं होगी. पूरी तरह आधुनिक प्रक्रिया, डिजिटल मोड से जमीन के हर दस्तावेज की पूरी जानकारी जमीन मालिक और सरकार को होगी।
इसके साथ ही बिहार में भी संबंधित अधिकारियों एवं जन प्रतिनिधियों के सहयोग से ग्रामीणों एवं जमींदारों को जागरूक करने के लिए जगह-जगह विशेष भूमि सर्वेक्षण जागरूकता शिविर का आयोजन किया जा रहा है. इसी कड़ी में पूर्णिया जिले के नगरी प्रखंड के गोवासी में बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण को लेकर एक आमसभा का आयोजन किया गया. इस कार्यक्रम में आये हजारों ग्रामीणों की भीड़ को संबंधित पदाधिकारी ने विशेष भूमि सर्वेक्षण से संबंधित सारी जानकारी दी.
शिविर में पहुंचे विशेष भूमि सर्वेक्षण पदाधिकारी ने जानकारी दी
बिहार विशेष भू-सर्वेक्षण शिविर में पहुंचे गोवासी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मुखिया अफरोज आलम सहित संबंधित विशेष भू-सर्वेक्षक अरुण कुमार एवं अमीन शेखर सुमन ने जानकारी देते हुए कहा कि सरकार के इस महत्वपूर्ण निर्णय का हम सभी को समर्थन करना चाहिए. हालांकि, उन्होंने कहा कि इस बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण में किसी को नुकसान नहीं होगा. जमीन मालिक को उसकी जमीन मिलेगी और सरकार को उसकी जमीन मिलेगी. इससे भूमि विवाद से भी राहत मिलेगी. ये सर्वे जीवित लोगों पर किया जाएगा. ऐसी स्थिति में, बिहार सरकार द्वारा सर्वेक्षण करने के लिए संबंधित अधिकारी प्लॉट पर जाएंगे और पूरी जानकारी और विवरण भरकर सर्वेक्षण कार्य पूरा करेंगे।
इन सभी दस्तावेजों की पड़ेगी जरूरत
इस संबंध में जानकारी देते हुए बिहार विशेष सर्वेक्षण कानूनगो अरुण कुमार कहते हैं कि बिहार विशेष भूमि सर्वेक्षण कार्य कराने के लिए सभी रैयतों या भूमि मालिकों, जो अपनी जमीन पर दावा करते हैं, को अपनी जमीन से संबंधित वंशावली, खतियान, केवाला आदि सत्यापित दस्तावेज जमा कराने होंगे. लाल कार्ड, बंदोबस्ती, दान पत्र समेत किसी भी तरह के दावे के मामले में जमीन मालिक को अपने दस्तावेज जमा करने होंगे. फिर सर्वे टीम द्वारा उस जमीन का भौतिक सत्यापन कर खाता खेसरा एवं रकवा चौहद्दी एवं अन्य का सर्वे किया जायेगा.
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पहले प्रकाशित: 25 अगस्त, 2024, 11:51 IST