गुजरात: जामनगर में जिंदगी पटरी पर लौट आई है, बाढ़ के बाद सफाई का काम युद्धस्तर पर जारी है.


जामनगर:

पिछले कुछ दिनों से गुजरात में हैं बारिश कटौती के बाद कई शहरों में हालात धीरे-धीरे सामान्य हो रहे हैं. जामनगर लगातार बारिश के बाद जनजीवन प्रभावित हो गया है. कई जगहों पर 5 से 8 फीट तक पानी भर गया. अब जब पानी उतर गया है तो सड़कें और गलियां गंदगी से पट गयी हैं. अब सरकार के सामने चुनौती है कि इसे जल्द से जल्द साफ करवाया जाए, ताकि किसी भी तरह की बीमारी न फैले। इस संबंध में स्थानीय नगर निगम बड़े पैमाने पर कर्मचारी सफाई अभियान में जुट गये हैं.

राज्य में भारी बारिश के कारण 140 जलाशयों और 24 नदियों में बाढ़ आ गई है. नदियाँ खतरे के निशान से ऊपर बह रही थीं। बारिश और जलभराव के कारण कई इलाकों में यातायात और ट्रेन सेवाएं भी बाधित हुईं. बढ़ते जलस्तर को देखते हुए प्रशासन कई दिनों से हाई अलर्ट पर था. अब इन स्थितियों में सुधार होता नजर आ रहा है.

जामनगर में बाढ़ के बाद वहां का कूड़ा-कचरा सड़कों पर जमा हो गया है, जिसे नगर निगम के कर्मचारी अब तेजी से हटा रहे हैं, ताकि जल्द से जल्द जनजीवन सामान्य हो सके.

जामनगर के पार्षद पार्थ जेठवा ने कहा कि जब नदी का पानी हमारे आवासीय क्षेत्र में आया, तो यहां 8 से 10 फीट पानी बह रहा था. फिर भी जरूरतमंदों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया. अब पानी कम होने के बाद नगर निगम की टीम युद्ध स्तर पर सफाई में जुट गई है.

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जामनगर नगर निगम के कमिश्नर दिनेश मोदी ने कहा कि बाढ़ के कारण प्रदूषण काफी फैल गया है. हम इसे तेजी से सड़कों से हटा रहे हैं, ताकि शहर को जल्द से जल्द साफ किया जा सके।

कई संगठन और गैर सरकारी संगठन बाढ़ प्रभावित लोगों को भोजन और पीने का पानी उपलब्ध करा रहे हैं। इसके अलावा कुछ जगहों पर सामुदायिक रसोई भी बनाई गई है, जहां रोजाना सैकड़ों प्रभावित लोगों को खाना खिलाया जाता है.

सामुदायिक रसोई के संचालक ने बताया कि बाढ़ के बाद हमने यहां लोगों के लिए खाना बनाना शुरू किया. प्रतिदिन लगभग 6 से 7 हजार लोगों के लिए भोजन तैयार किया जाता है। अब तक हम करीब 45 हजार लोगों को भोजन उपलब्ध करा चुके हैं. यहां से खाना भी ले जाया जाता है और प्रभावित इलाकों में बांटा जाता है.

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भारी बारिश के कारण गुजरात के कई इलाके, खासकर कच्छ क्षेत्र, जलभराव और बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के निर्देशन में सभी प्रभावित क्षेत्रों में लाखों लोगों के लिए भोजन, पानी और दवाइयों की व्यवस्था तथा चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने में मदद की गई है।

जामनगर में कई दिनों से लगातार बारिश ने कहर बरपा रखा था. इससे जन जीवन पूरी तरह प्रभावित हो गया और कई जगहों पर घरों में पानी घुस गया. इससे एक शहर से दूसरे शहर जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो गया.

यहां तक ​​कि विकट परिस्थितियों में फंसे लोगों को बचाने के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टरों का भी इस्तेमाल किया गया.


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