कश्मीर डायरी: अनुच्छेद 370 हटने से आया बदलाव महिलाओं के लिए कितना फायदेमंद? उन्हीं के शब्दों में

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युवा पीढ़ी भी विशेष राज्य के दर्जे के लिए आवाज उठा रही है. मीर फ़रहाद कहते हैं, “हमारी पहचान हमारा आत्मसम्मान था. हमारे राज्य में इसे कमज़ोर किया गया था. हमें उम्मीद है कि नई सरकार इसे बहाल करेगी और केंद्र अपने वादे पूरे करेगा.”

क्या है घाटी के पहले फुटबॉलर की राय?

एनडीटीवी ने घाटी के पहले फुटबॉलर से भी बात की. उनसे मिलने के बाद मुझे एहसास हुआ कि घाटी के माहौल में आया यह बदलाव असल में महिलाओं के लिए कितना फायदेमंद है। उन्होंने कहा, “मैं बदलते चेहरे का उदाहरण हूं. पहले माता-पिता अपने बच्चों को विदेश भेजने से डरते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. अफशां आशिक ने कहा कि यह दिलचस्प है कि जो लड़की आज इतना खुलकर बोल रही है.” वह कुछ साल की है. इससे पहले वह पुलिसवालों पर पथराव करती नजर आई थीं.

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जम्मू-कश्मीर में कितनी महिला मतदाता हैं?

आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, जम्मू-कश्मीर में करीब 42 लाख महिला मतदाता हैं. इनमें से लगभग 20 लाख मतदाता 20-29 वर्ष की आयु वर्ग के हैं और 4 लाख पहली बार मतदाता हैं। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, 18 से 19 साल के युवा मतदाताओं की संख्या में 45,964 की बढ़ोतरी हुई है, जिनमें 24,310 महिलाएं हैं, जबकि कुल महिला मतदाताओं की संख्या में भी 51,142 की बढ़ोतरी हुई है.


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