देश में आयुर्वेद को लेकर बड़ा ऐलान, अगले 5 साल में खुलेंगे 10 नए आयुष संस्थान, इलाज के लिए दिल्ली जाने की जरूरत नहीं अगले 5 साल में खुलेंगे 10 नए आयुष संस्थान

केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री और स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव शुक्रवार शाम अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान पहुंचे। मंत्री बनने के बाद अखिल भारत आयुर्वेद संस्थान परिसर में यह उनका पहला दौरा था। श्री प्रताप राव जाधव ने पूरे परिसर का निरीक्षण किया और मरीजों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं और उपचार की समीक्षा की। यहां आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनकी सरकार आयुर्वेद को हर घर तक पहुंचाने के प्रधानमंत्री के प्रयासों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने यह भी कहा कि विदेशी आक्रमणकारियों और औपनिवेशिक काल के दौरान आयुर्वेद और हमारी पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को बहुत नुकसान हुआ, लेकिन 2014 के बाद मोदी सरकार के नेतृत्व में स्थिति बदल गई है, जिसके संबंध में आज विश्व दृष्टिकोण में बदलाव आया है। योग और आयुर्वेद और इसकी सार्वजनिक स्वीकार्यता तेजी से बढ़ी है। उन्होंने पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली को बढ़ाने के लिए अगले पांच वर्षों में 10 नए आयुष संस्थान खोलने की भी घोषणा की, जिसके माध्यम से भारत का प्रत्येक नागरिक एलोपैथिक प्रणाली की तर्ज पर पारंपरिक चिकित्सा प्रणाली से लाभ उठा सकेगा। कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति ने इस संस्थान का दौरा करने की इच्छा जताई है, इसलिए वह मंत्री के तौर पर संस्थान की तैयारियों का जायजा लेने आये हैं.

ये भी पढ़ें- हादसे ने बदल दी एक्टर चियान विक्रम की पूरी जिंदगी, 23 सर्जरी, 3 साल बिस्तर पर, डॉक्टरों ने छोड़ दी उम्मीद

इस अवसर पर संस्थान की निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) तनुजा नेसरी ने मंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि माननीय मंत्री ने आयुर्वेद को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और भविष्य में भी आयुर्वेद उपलब्ध कराया जाएगा। लोगों और वैश्विक स्तर पर हम अपने प्रतिष्ठान में भी उनका मार्गदर्शन और समर्थन लेते रहेंगे। इस अवसर पर आयुष राज्य मंत्री श्री प्रतापराव जाधव ने अस्पताल परिधि के निरीक्षण के दौरान सभी विस्तृत जानकारी ली और इस दौरान उन्होंने कई महत्वपूर्ण गतिविधियों में भाग लिया। उन्होंने तत्कालीन चिकित्सा अधीक्षक स्वर्गीय संजय गुप्ता की स्मृति में बने सभागार का भी उद्घाटन किया, जिनका निधन कोविड के दौरान हुआ था, उन्होंने 17 से 19 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन AROHA-2024 के ब्रोशर का भी विमोचन किया।

इस अवसर पर आयुष विभाग के आईसी विभाग के उप महानिदेशक श्री सत्यजीत पाल और मंत्रालय के कई गणमान्य लोग उपस्थित थे, जबकि आयुर्वेद संस्थान की ओर से पीएचडी डीन प्रो. महेश व्यास, चिकित्सा अधीक्षक प्रो. इस कार्यक्रम में (डॉ.) आनंद रमन शर्मा, एडिशनल एमएस (डॉ.) योगेश बडवे एवं समस्त अधिकारी, विद्यार्थी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
उल्लेखनीय है कि अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान की स्थापना माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा वर्ष 2017 में की गई थी। तब से अब तक 26 लाख से अधिक मरीजों का सफलतापूर्वक इलाज किया जा चुका है। पिछले सात वर्षों में, इस संस्थान ने आयुर्वेद के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और विश्व स्तर पर शिक्षा और अनुसंधान के एक अग्रणी केंद्र के रूप में उभरा है। एआईआईए आयुष मंत्रालय के तहत एनएसी द्वारा ए+++ मान्यता प्राप्त करने वाला पहला संस्थान है और यह हमेशा उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित है।

(अस्वीकरण: यह सामग्री सलाह सहित केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने डॉक्टर से परामर्श लें। एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है।)



Source link

Leave a Comment