पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को ऋण और अनुदान मिलता है, जिससे उन्हें अपना व्यवसाय शुरू करने या बढ़ाने में मदद मिलती है।
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पहली बार ऋण लेने वालों को 1 लाख रुपये और दूसरी बार ऋण लेने वालों को 2 लाख रुपये तक का ऋण मिल सकता है।–
योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है ताकि वे अपनी कला और कौशल को बेहतर बना सकें।
प्रशिक्षण विभिन्न प्रकार के हस्तशिल्प में दिया जाता है, जैसे कि लकड़ी पर नक्काशी, धातु की कामगिरी, मिट्टी के बर्तन बनाना, और बुनाई।
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योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को अपनी कला और हस्तशिल्प का विपणन करने में मदद प्रदान की जाती है।
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उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मेलों में भाग लेने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
तथा उन्हें अपनी कला और हस्तशिल्प का ऑनलाइन विपणन करने में भी मदद की जाती है।
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योजना के तहत, कारीगरों और शिल्पकारों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाती है।
उन्हें जीवन बीमा,दुर्घटना बीमा, स्वास्थ्य बीमा, और पेंशन योजना का लाभ मिलता है।
योजना के तहत, महिला कारीगरों और शिल्पकारों को विशेष सहायता प्रदान की जाती है।
उन्हें प्रशिक्षण, वित्तीय सहायता, और बाजार पहुंच में प्राथमिकता दी जाती है।