NEET (नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट), देश में मेडिकल कोर्सेज में प्रवेश हेतु होने वाले टेस्ट का नाम हैं। अब इसे लेकर बड़ा विवाद छिड़ गया हैं, आइये जानते हैं विवाद की वजहें।
इस साल, असामान्य रूप से अधिक छात्रों (67) ने 720 में से 720 अंक प्राप्त किए। इसके अलावा, कई टॉपर एक ही परीक्षा केंद्र से आए।
एनटीए (NTA) ने माना है कि परीक्षा शुरू होने में देरी के कारण कुछ छात्रों को अतिरिक्त अंक (grace marks) दिए गए थे. इससे छात्रों में असमानता का आरोप लगा है.
छात्र संगठन और कुछ राजनेता कथित अनियमितताओं की गहन जांच की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए जांच जरूरी है।
कुछ छात्र तो पूरी तरह से पुनर्परीक्षा की भी वकालत कर रहे हैं। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल पुनर्परीक्षा की मांग खारिज कर दी है।
चल रहे विवाद के बावजूद, सुप्रीम कोर्ट ने नीट अंकों के आधार पर मेडिकल कॉलेजों के लिए काउंसलिंग प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाई है।
इसका मतलब है कि सीट आवंटन अस्थायी रूप से आगे बढ़ सकता है जबकि अदालत मामले पर विचार कर रही है।
कुल मिलाकर, यह विवाद नीट परीक्षा की निष्पक्षता और ईमानदारी को लेकर चिंताओं को उजागर करता है, खासकर संभावित नकल और अतिरिक्त अंक देने की प्रक्रिया के बारे में।